The life changing Dog

                The life changing Dog
एएक बार एक रवि नाम का एक लड़का था ।वह एक अच्छी नोकरी पर था ।उसके पास वह सब था जो एक सामान्य आदमी के पास होना चाहिए। वह हर रोज रात तक काम करता और थक कर कमरे पर आता ।वह अपने घर से दुर रहता था ।वह हर समय थका हुआ और उदास रहता था वह अपने दोस्तो के साथ समय बिताने के लिए उनके साथ शराब पिता पर फिर भी वह उदास ही रहता । वह दिखने मे अच्छा नही है इसलिए उसका कोई दोस्त नहि बनता ।वह ऐसा सोचता था । इसलिए वह Depression मे रहने लगा ।वह बहुत शराब पीने लगा वह अकेला बैठा रोता रहता था ।वह कही बाहर भी नही निकलता था ।एक दिन जब वह शराब पीकर घर जा रहा था तो उसने देखा कि एक छोटा सा कुत्त गली के एक कोने मे छिपकर बैठा था तो उसने कुत्ते को एक थैली दुध और कुछ ब्रैड एक कटोरे मे डाल कर खिला दिया और जब तक कुत्ते ने पुरी तरह पेट भर कर नही खा लिया ।ताकि दुसरे कुत्ते उसे तंग ना करे ।जब उसने खा लिया तो रवि सोने चला गया ।उसे रात को अच्छा काम करने के कारण अच्छी नींद आई ।अब अगले दिन सुबह उठा तो उसने कुत्ते को गेट पर बैठा पाया ।उसे रात अच्छी नींद आई ईसलिए वह बहुत खुश था अब सुबह उसने 20 का दुध और 10का  एक ब्रैड का पैकेट खरीदा और उसे कुत्ते को खिला दिया ।जब रवि आफिस जाने लगा ।कुत्ता भी उसके पिछे -पिछे आ गया ।रवि का आफिस पास ही था ईसलिए वह पैदल ही आफिस जाता था पर उसे बहुत रोड पार करने पड़ते थे ईसलिए वह बहुत ही टेडा काम था पर अब उसके साथ वह कुत्ता भी जाने लगा ।। वह बहुत दिन तक ऐसा ही करते रहे ।पर अब रवि का शराब पिना छुट चुका था वह अब अकेला महसुस नही करता था वह अब खुस रहता था ।एक दिन जब रवि आफिस के लिए समय पर नही उठा तो कुत्ते ने बोक बोक कर उठाया ।रवि जल्दी-जल्दी तैयार हो गया उसने सबसे पहले कुत्ते को खाना खिलाया और अपने आप भी दुध पिया और आफिस की तरफ भागने लगा


आज रवि ने अपने एक दोस्त को देखा ।जब रवि रोड पर गया  तो वहा पर बहुत ट्रैफिक मिला पर वह कुत्ता रोड के बीच मे जाकर खङा हो गया जिससे रवि ट्रेफिक  से जल्दी ही निकल गया ।रोड पर ट्रैफिक लाईट नहि थी ।अब रवि समय पर पहुंच गया था वह अपने लिए बहुत ही खुश था उसका पुरा दिन बहुत अच्छा गया  ।।।अब शाम को जब रवि आफिस से निकला तो उसने अपने कुत्ते को गले लगाया और घर की तरफ चल पड़ा ।अज रवि ने अपने कुत्ते को एक नाम दे दिया उसका कहना था कि आज ईसने मुझे समय पर सिर्फ आफिस नही पहुंचाया बल्कि अपनी समझदारी का भी परिचय भी दी है इसलिए इसका नाम बुद्ध  रखूंगा ।उस दिन से ही वे अच्छे दोस्त बन गए ।
Writer
Rohit narwal
                            Part 2
   The life changing Dog
          The ending scene

 रवि एक दिन जब ऑफिस जा रहा था तो बुद्ध भी उसके साथ ही चल दिया ।जब वे रोड क्रोस कर रहे थे तो बुद्ध को एक कार ने टक्कर मार दी रवि तुरंत ही बुद्ध को हॉस्पिटल ले गया हॉस्पिटल मे जाने से वह ऑफिस के लिए लेट हो गया इसलिए उसने छुट्टी ले ली ।अब लगभग  तीस मिनट बाद बुद्ध को होस आया ।रवि की आंखे लाल रंग की हो गई थी ।जब बुद्ध को होस आया तो वह जोर -जोर से रो रहता था ।पर रवि ने बुद्ध को गले से लगाया और बुद्ध शांत हो गया ।डॉक्टर ने कहा कि इससे कुछ दिन चला नही जाएगा तो इसका थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना होगा ।डाक्टर ने कुछ दवा लिख कर दे दी और कहा अब आप इसे लेकर जा सकते है रवि अब दवा और बुद्ध को लेकर घर की तरफ चल पड़ा ।                    अब वह बुद्ध का पहले से ज्यादा ध्यान रख रहा था ।वह उसे शाम को हाथ मे उठा कर पार्क घुमाने ले गया ।अगले दिन जब रवि बुद्ध को घर के अंदर ही छोड़कर चला गया तो उसके पडोसी ने कहा कि यह पुरा दिन रोता रहा अब तक रवि समझ गया था कि उसे क्या करना है वह अगले दिन बुद्ध को अपने साथ लेकर ऑफिस गया ।इस काम के लिए लोगो ने उसकी तारीफ की । अब इस बात से एक लड़की रवि की तरफ आकर्षित हो गई । अब रवि बुद्ध को लेकर रोज ऑफिस आने लगा ।अब वह लड़की और रवि अच्छे दोस्त बन गए थे अब तक बुद्ध भी ठीक हो चुका था ।रवि और लड़की डेट पर जाने लगे।।।एक दिन बुद्ध ने एक चोरी के छुपाए हुए पैसे ढूंढ निकाले ।उसकी और रवि की फोटो अखबार मे छपी दोनो ही फेमस हो गए थे ।अब रवि ने लड़की को शादी के लिए पूछने की सोची ।इसलिए अब उसे प्रपोज करने के लिए एक अच्छी अंगुठी की जरूरत थी ।अब रवि के पास एक ऑफर आया जिस आदमी के बुद्ध ने चोरी कीए पैसे ढूंढे थे वह अब बुद्ध को खरीदना चाहता था वह बहुत अमीर था इसलिए उसने बुद्ध के लिए 2 लाख रुपये की राशि देने की बात की  तो रवि ने सोचा की यह बुद्ध का मुझसे अच्छे से ध्यान रख सकता है इसलिए वह मान गया और उन पैसो के साथ उसने कहा क्या मै बुद्ध से मिलने भी आ सकता हुं तो उस आदमी ने कहा कि तुम महिने मे एक दिन मिल सकते हो रवि मान गया ।अब रवि ने उन पैसो से अंगुठी खरीदी वह उस समय मसहुर था इसलिए वह लड़की शादी के लिए पूछने पर मान गई ।पर कुछ सप्ताह बाद उनका ब्रेक अप हो गया ।वह अब बुद्ध को मिलने उस अमीर आदमी के पास गया ।रवि को वहा पर पता चला कि बुद्ध तो वहा आने के 5 दिन बाद ही मर गया था ।रवि को यह सुनकर बहुत अफसोस हुआ और अब वह बहुत पछता रहा था ।पर अब कोई फायदा नही था
Writer
Rohit narwal

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